आदिकाल

हिन्दी साहित्य का इतिहास(आदिकाल) हिन्दी साहित्य का इतिहास           आदिकाल आदिकाल का नामकरण विभिन्न इतिहासकारों द्वारा आदिकाल का नामकरण निम्नानुसार किया गया- इतिहासकार का नाम – नामकरण हजारी प्रसाद द्विवेदी-आदिकाल रामचंद्र शुक्ल-वीरगाथा काल महावीर प्रसाद दिवेदी-बीजवपन काल रामकुमार वर्मा-संधि काल और चारण काल राहुल संकृत्यायन-सिद्ध-सामन्त काल मिश्रबंधु-आरंभिक काल गणपति चंद्र गुप्त-प्रारंभिक काल/ शुन्य काल विश्वनाथ प्रसाद मिश्र-वीर काल धीरेंद्र वर्मा-अपभ्रंस काल चंद्रधर शर्मा गुलेरी-अपभ्रंस काल ग्रियर्सन-चारण काल पृथ्वीनाथ कमल ‘कुलश्रेष्ठ’-अंधकार काल रामशंकर शुक्ल-जयकाव्य काल रामखिलावन पाण्डेय-संक्रमण काल हरिश्चंद्र वर्मा-संक्रमण काल मोहन अवस्थी-आधार काल शम्भुनाथ सिंह-प्राचिन काल वासुदेव सिंह-उद्भव काल रामप्रसाद मिश्र-संक्रांति काल शैलेष जैदी–आविर्भाव काल हरीश-उत्तर अपभ्रस काल बच्चन सिंह- अपभ्रंस काल: जातिय साहित्य का उदय श्यामसुंदर दास- वीरकाल/अपभ्रंस का .. हिन्दी का सर्वप्रथम कवि... विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार हिंदी का पहला कवि- 👉राहुल सांकृत्यायन के अनुसार – स...

मीरां का जीवन परिचय



मीरां(1498-1546ई.)

01. मीरा का जन्म सन 1498.ई कुड़की गांव (मारवाड़ रियासत)राजस्थान में हुआ था।

2. संत रैदास मीरां के गुरु माने जाते हैं।

3. मीरा सगुण धारा की महत्वपूर्ण भक्त कवियत्री थी।

4 मीरा का विवाह सांगा के जेष्ठ पुत्र भोजराज के साथ हुआ।

5. मीरा का अंतिम समय द्वारका में बीता और वही रणछोड़ दास जी की मूर्ति में समाहित हो गई।

6.मीरा की भक्ति माधुर्योपासना के रस में समाहित हैं।

7. मीरा भक्ति काल में स्त्री मुक्ति की आवाज बनकर उभरी।

8. मीराबाई की पदावली का संपादन आचार्य परशुराम चतुर्वेदी ने किया।

9. मीरा मुक्तावली का संपादन नरोत्तम दास स्वामी ने किया।

10. सुमित्रानंदन पंत ने मीरा के संबंध में कहा है कि-भक्ति के तपोवन की शकुंतला तथा राजस्थान के मरुस्थल की मंदाकिनी हैं।

11. मीरां के बचपन का नाम पेमल था।

12. मीरां की कविता का प्रमुख रस विप्रलंभ श्रृंगार हैं।

13. बसो मेरे नैनन में नंदलाल-पंक्ती मीराबाई की हैं।

🖋🖋🌹🌿शंकरनाथ,राजस्थान🌿🌹


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