मीरां का जीवन परिचय
मीरां(1498-1546ई.)
01. मीरा का जन्म सन 1498.ई कुड़की गांव (मारवाड़ रियासत)राजस्थान में हुआ था।
2. संत रैदास मीरां के गुरु माने जाते हैं।
3. मीरा सगुण धारा की महत्वपूर्ण भक्त कवियत्री थी।
4 मीरा का विवाह सांगा के जेष्ठ पुत्र भोजराज के साथ हुआ।
5. मीरा का अंतिम समय द्वारका में बीता और वही रणछोड़ दास जी की मूर्ति में समाहित हो गई।
6.मीरा की भक्ति माधुर्योपासना के रस में समाहित हैं।
7. मीरा भक्ति काल में स्त्री मुक्ति की आवाज बनकर उभरी।
8. मीराबाई की पदावली का संपादन आचार्य परशुराम चतुर्वेदी ने किया।
9. मीरा मुक्तावली का संपादन नरोत्तम दास स्वामी ने किया।
10. सुमित्रानंदन पंत ने मीरा के संबंध में कहा है कि-भक्ति के तपोवन की शकुंतला तथा राजस्थान के मरुस्थल की मंदाकिनी हैं।
11. मीरां के बचपन का नाम पेमल था।
12. मीरां की कविता का प्रमुख रस विप्रलंभ श्रृंगार हैं।
13. बसो मेरे नैनन में नंदलाल-पंक्ती मीराबाई की हैं।
🖋🖋🌹🌿शंकरनाथ,राजस्थान🌿🌹
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