आदिकाल

हिन्दी साहित्य का इतिहास(आदिकाल) हिन्दी साहित्य का इतिहास           आदिकाल आदिकाल का नामकरण विभिन्न इतिहासकारों द्वारा आदिकाल का नामकरण निम्नानुसार किया गया- इतिहासकार का नाम – नामकरण हजारी प्रसाद द्विवेदी-आदिकाल रामचंद्र शुक्ल-वीरगाथा काल महावीर प्रसाद दिवेदी-बीजवपन काल रामकुमार वर्मा-संधि काल और चारण काल राहुल संकृत्यायन-सिद्ध-सामन्त काल मिश्रबंधु-आरंभिक काल गणपति चंद्र गुप्त-प्रारंभिक काल/ शुन्य काल विश्वनाथ प्रसाद मिश्र-वीर काल धीरेंद्र वर्मा-अपभ्रंस काल चंद्रधर शर्मा गुलेरी-अपभ्रंस काल ग्रियर्सन-चारण काल पृथ्वीनाथ कमल ‘कुलश्रेष्ठ’-अंधकार काल रामशंकर शुक्ल-जयकाव्य काल रामखिलावन पाण्डेय-संक्रमण काल हरिश्चंद्र वर्मा-संक्रमण काल मोहन अवस्थी-आधार काल शम्भुनाथ सिंह-प्राचिन काल वासुदेव सिंह-उद्भव काल रामप्रसाद मिश्र-संक्रांति काल शैलेष जैदी–आविर्भाव काल हरीश-उत्तर अपभ्रस काल बच्चन सिंह- अपभ्रंस काल: जातिय साहित्य का उदय श्यामसुंदर दास- वीरकाल/अपभ्रंस का .. हिन्दी का सर्वप्रथम कवि... विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार हिंदी का पहला कवि- 👉राहुल सांकृत्यायन के अनुसार – स...

तुलसीदास जी (साहित्य व जीवन परिचय)

 तुलसीदास (1532 -1623)

1.तुलसीदास का जन्म सन 1532 ई.मे राजापुर गांव (बांदा जिला,उत्तर प्रदेश) में हुआ।

2.तुलसीदास की मृत्यु सन 1623 ईसवी काशी में हुई। 3.तुलसीदास के गुरु नरहरिदास था।

3. तुलसीदास ने सन 1574 ईसवी अयोध्या में 'रामचरित्- मानस की रचना प्रारंभ की जो 2 वर्ष 7 माह से पूर्ण हुई।

4. तुलसीदास लोकमंगल की साधना के कवि माने जाते हैं।

5.राम चरित् मानस हिंदी का श्रेष्ठ महाकाव्य माना जाता हैं।6.रामचरितमानस की रचना दोहा-चौपाई शैली में हुई(भाषा अवधि है)

7.विनय पत्रिका में विनय और आत्मनिवेदन के पद हैं।

8.नाभादास ने तुलसी दास को 'कलिकाल का वाल्मीकि' कहां हैं।

9. ग्रियर्सन ने-तुलसीदास को बुद्धदेव के बाद सबसे बड़ा लोकनायक बताया हैं।

10. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा-भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि कवि तुलसी ही हैं।

11. विसेंट स्मिथ ने कहा- तुलसीदास मुगल काल का सबसे बड़ा आदमी था।

12.आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कहा-भारतवर्ष का लोकनायक वही हो सकता है जो समन्वय करने की अपार धैर्य लेकर आया हो।

13.रहीम के आग्रह पर तुलसीदास ने 'बरवै-रामायण' की रचना की।

14.तुलसीदास ने हनुमान बाहुक ग्रंथ असह्य- पीड़ा निवारण के लिए लिखा।

15.तुलसीदास ने रामचरित कथा को सर्वप्रथम रसखान को सुनाया था।

16.तुलसीदास भक्तिकाल के सगुण परम्परा के प्रमुख रामभक्त कवि माना जाता है।

17.रामचरित्र मानस उत्तरी भारत की जनता के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ।

18. तुलसीदास का अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं पर सम्मान अधिकार था।

19. तुलसीदास की प्रमुख रचना विनयपत्रिका,कवितावली और कृष्ण गीतावली ब्रज भाषा में रचित हैं।

20. तुलसीदास की रचना-विनय पत्रिका यह पद हैं जिनमें विनती की गई हैं।

21.अमृतलाल नागर द्वारा रचित 'मानस का हंस' रचना तुलसीदास जी के जीवन पर आधारित रचना है मे इकतीस अध्याय हैं।

22. जयशंकर प्रसाद ने तुलसीदास के बारे मे लिखा कि उन्होने मानवता को सदय राम का रूप दिखाया।

23. 'मूल गोसाई चरित्र' तुलसीदास के जीवन पर आधारित रचना के रचनाकार बेनी माधव दास हैं।

24.रामाज्ञा प्रश्न की रचना तुलसीदास ने पंडित गंगाराम के अनुरोध पर की थी।

25.तुलसी दास की अक्षय कीर्ति का आधार ग्रंथ रामचरितमानस  को माना जाता हैं।

         शंकरनाथ,हनुमानगढ (राज.)

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