धोरा वाळा देश जाग रे

 मनुज देपावत


धोरां आळा देस जाग रे, ऊंठां आळा देस जाग।


छाती पर पैणा पड़या नाग रे, धोरां आळा देस जाग।।


धोरां आळा देस जाग रे...


उठ खोल उनींदी आंखड़ल्यां, नैणां री मीठी नींद तोड़


रे रात नहीं अब दिन ऊग्यो, सपनां रो कूड़ो मोह छोड़


थारी आंख्यां में नाच रह्या, जंजाळ सुहाणी रातां रा


तूं कोट बणावै उण जूनोड़ै, जुग री बोदी बातां रा


रे बीत गयो सो गयो बीत, तूं उणरी कूड़ी आस त्याग।


छाती पर पैणा...


खागां रै लाग्यो आज काट, खूंटी पर टंगिया धनुष-तीर


रे लोग मरै भूखां मरता, फोगां में रुळता फिरै वीर


रे उठो किसानां-मजदूरां, थे ऊंठां कसल्यो आज जीण


ईं नफाखोर अन्याय नैं, करदयो कोडी रो तीन-तीन


फण किचर काळियै सांपां रो, आज मिटा दे जहर-झाग।


छाती पर पैणा...


रे देख मिनख मुरझाय रह्यो, मरणै सूं मुसकल है जीणो


अै खड़ी हवेल्यां हँसै आज, पण झूंपड़ल्यां रो दुख दूणो


अै धनआळा थारी काया रा, भक्षक बणता जावै है


रे जाग खेत रा रखवाळा, आ बाड़ खेत नैं खावै है


अै जका उजाड़ै झूंपड़ल्यां, उण महलां रै लगा आग।


छाती पर पैणा...


अै इन्कलाब रा अंगारा, सिलगावै दिल री दुखी हाय


पण छांटां छिड़कां नहीं बुझैली, डूंगर लागी आज लाय


अब दिन आवैला अेक इस्यो, धोरां री धरती धूजैला


अै सदां पत्थरां रा सेवक, वै आज मिनख नैं पूजैला


ईं सदां सुरंगै मुरधर रा, सूतोड़ा जाग्या आज भाग।


छाती पर पैणा...


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