आदिकाल

हिन्दी साहित्य का इतिहास(आदिकाल) हिन्दी साहित्य का इतिहास           आदिकाल आदिकाल का नामकरण विभिन्न इतिहासकारों द्वारा आदिकाल का नामकरण निम्नानुसार किया गया- इतिहासकार का नाम – नामकरण हजारी प्रसाद द्विवेदी-आदिकाल रामचंद्र शुक्ल-वीरगाथा काल महावीर प्रसाद दिवेदी-बीजवपन काल रामकुमार वर्मा-संधि काल और चारण काल राहुल संकृत्यायन-सिद्ध-सामन्त काल मिश्रबंधु-आरंभिक काल गणपति चंद्र गुप्त-प्रारंभिक काल/ शुन्य काल विश्वनाथ प्रसाद मिश्र-वीर काल धीरेंद्र वर्मा-अपभ्रंस काल चंद्रधर शर्मा गुलेरी-अपभ्रंस काल ग्रियर्सन-चारण काल पृथ्वीनाथ कमल ‘कुलश्रेष्ठ’-अंधकार काल रामशंकर शुक्ल-जयकाव्य काल रामखिलावन पाण्डेय-संक्रमण काल हरिश्चंद्र वर्मा-संक्रमण काल मोहन अवस्थी-आधार काल शम्भुनाथ सिंह-प्राचिन काल वासुदेव सिंह-उद्भव काल रामप्रसाद मिश्र-संक्रांति काल शैलेष जैदी–आविर्भाव काल हरीश-उत्तर अपभ्रस काल बच्चन सिंह- अपभ्रंस काल: जातिय साहित्य का उदय श्यामसुंदर दास- वीरकाल/अपभ्रंस का .. हिन्दी का सर्वप्रथम कवि... विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार हिंदी का पहला कवि- 👉राहुल सांकृत्यायन के अनुसार – स...

राजस्थान की अर्थव्यवस्था के बारे में विशेषता

 राजस्थान की अर्थव्यवस्था में आय और व्यय का विस्तृत वर्णन इस प्रकार है:

आय के स्रोत:

राजस्थान की अर्थव्यवस्था में आय के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं:

1. कृषि और पशुपालन:

  • राजस्थान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। गेहूं, जौ, बाजरा, गन्ना, और सरसों जैसे फसलों की खेती होती है।
  • पशुपालन भी महत्वपूर्ण आय का स्रोत है। ऊंट, भेड़, बकरी, और गाय के पालन से दुग्ध उत्पाद, ऊन, और चमड़ा मिलता है।

2. खनिज संसाधन:

  • राजस्थान खनिज संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां जिप्सम, चूना पत्थर, संगमरमर, तांबा, और जस्ता का खनन किया जाता है।
  • खनिज पदार्थों का निर्यात राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण आय स्रोत है।

3. पर्यटन:

  • राजस्थान के ऐतिहासिक किले, महल, और सांस्कृतिक धरोहरें पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, और जैसलमेर प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
  • पर्यटन से होटल, ट्रांसपोर्ट, और हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा मिलता है।

4. उद्योग और हस्तशिल्प:

  • राज्य में सीमेंट, टेक्सटाइल, और रसायन उद्योग का विकास हुआ है।
  • पारंपरिक हस्तशिल्प जैसे ब्लू पॉटरी, बंधेज, और गहनों का निर्माण आय का प्रमुख स्रोत है।

5. कर और राजस्व:

  • केंद्र सरकार से कर अनुदान और राज्य के अपने कर, जैसे जीएसटी, भूमि राजस्व, और उत्पाद शुल्क, आय के अन्य महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

व्यय के क्षेत्र:

राजस्थान सरकार अपने संसाधनों को विभिन्न क्षेत्रों में खर्च करती है:

1. कृषि और सिंचाई:

  • कृषि में सुधार और सिंचाई परियोजनाओं पर बड़ा व्यय किया जाता है, जैसे इंदिरा गांधी नहर परियोजना।

2. शिक्षा और स्वास्थ्य:

  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट आवंटित किया जाता है।
  • महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

3. बुनियादी ढांचा विकास:

  • सड़क, बिजली, पानी, और रेलवे जैसे बुनियादी ढांचे के विकास पर बड़ा खर्च होता है।
  • शहरीकरण और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में निवेश किया जाता है।

4. पर्यटन और संस्कृति संरक्षण:

  • ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धन खर्च किया जाता है।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मेलों का आयोजन भी व्यय का हिस्सा है।

5. कल्याणकारी योजनाएं:

  • गरीबों, किसानों, और मजदूरों के लिए पेंशन योजनाएं और सब्सिडी प्रदान की जाती हैं।
  • महिला सशक्तिकरण और स्वच्छ भारत अभियान जैसे कार्यक्रमों पर भी खर्च किया जाता है।

6. रक्षा और आपदा प्रबंधन:

  • राजस्थान की सीमा पाकिस्तान से लगती है, इसलिए रक्षा संबंधित गतिविधियों पर भी राज्य का खर्च होता है।
  • सूखा, बाढ़, और अकाल जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए धन आवंटित किया जाता है।

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