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भक्ति काल के बारे में विस्तृत अध्ययन

  हिंदी साहित्य का भक्ति काल: प्रश्न उत्तर प्रश्न 1: भक्ति काल की कालावधि क्या है और इसका ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य क्या है? उत्तर: हिंदी साहित्य के भक्ति काल को 14वीं से 17वीं शताब्दी के बीच की अवधि के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह वह युग था जब भक्ति आंदोलन ने भारतीय समाज में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सूत्रपात किया। इस काल में धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक समन्वय को बढ़ावा मिला। साहित्यिक कृतियों ने धर्म और भक्ति के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दी, और भक्ति कवियों ने आध्यात्मिक जागरूकता के साथ-साथ सामाजिक सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। इस युग की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में मध्यकालीन भारत में राजनीतिक अस्थिरता और सांप्रदायिक विभाजन की स्थितियाँ थीं, जिनका समाधान भक्ति आंदोलन ने किया। प्रश्न 2: भक्ति काल की मुख्य प्रवृत्तियाँ कौन-सी थीं, और इसे किन धाराओं में विभाजित किया गया है? उत्तर: भक्ति काल की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ दो प्रमुख धाराओं में विभाजित थीं: निर्गुण भक्ति धारा: इस धारा में ईश्वर को निराकार और निर्गुण माना गया। इसके प्रमुख कवि कबीरदास और गुरु नानक थे।...

RAS की तैयारी कैसे करे

 RAS (Rajasthan Administrative Services) परीक्षा की तैयारी के लिए आपको एक व्यवस्थित और प्रभावी रणनीति की आवश्यकता होती है। नीचे दिए गए सुझाव आपकी मदद कर सकते हैं: 1. पाठ्यक्रम को समझें RAS परीक्षा का पाठ्यक्रम विस्तृत होता है। सबसे पहले, RPSC (Rajasthan Public Service Commission) द्वारा जारी आधिकारिक सिलेबस को ध्यान से पढ़ें। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) यह मुख्यतः सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान पर आधारित होता है। मुख्य परीक्षा (Mains) इसमें चार पेपर होते हैं: सामान्य अध्ययन I सामान्य अध्ययन II सामान्य अध्ययन III हिंदी और अंग्रेजी भाषा साक्षात्कार (Interview) यह आपके व्यक्तित्व, प्रशासनिक क्षमता, और सोचने की क्षमता का मूल्यांकन करता है। 2. अध्ययन सामग्री एकत्र करें एनसीईआरटी किताबें : कक्षा 6 से 12 तक की NCERT पुस्तकें इतिहास, भूगोल, और राजनीति के लिए आधार मजबूत करती हैं। राजस्थान जीके : लक्ष्मीनाथ शर्मा की पुस्तक राजस्थान सामान्य ज्ञान (राजस्थान बोर्ड की किताबें) सामान्य अध्ययन : भारत का इतिहास: स्पेक्ट्रम भूगोल: महेश बरनवाल या NCERT भारतीय राजनीत...

UGC NET HINDI की तैयारी कैसे करे

  UGC NET हिंदी की तैयारी: विस्तृत मार्गदर्शन UGC NET (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) में हिंदी विषय के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन एक सुव्यवस्थित अध्ययन योजना और गहन तैयारी की मांग करता है। यह लेख एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है जो आपकी तैयारी को सशक्त और प्रभावी बना सकता है। 1. पाठ्यक्रम और परीक्षा संरचना की गहन समझ पेपर 1: सामान्य योग्यता शिक्षण और शोध क्षमता तार्किक तर्कशक्ति और डेटा व्याख्या सूचना प्रौद्योगिकी और समसामयिक मुद्दे पेपर 2: हिंदी साहित्य साहित्यिक इतिहास और प्रवृत्तियां प्रमुख साहित्यकारों और उनकी कृतियां आलोचनात्मक पद्धतियां और आधुनिक शोध दृष्टिकोण पाठ्यक्रम का विस्तृत अध्ययन और विभिन्न खंडों की प्राथमिकता तय करना आवश्यक है। 2. संदर्भ सामग्री और साहित्यिक ग्रंथ प्रमुख स्रोत: आचार्य रामचंद्र शुक्ल का हिंदी साहित्य का इतिहास हजारी प्रसाद द्विवेदी और नगेंद्र द्वारा लिखित आलोचनात्मक ग्रंथ काल विभाजन: भक्तिकाल: तुलसीदास, कबीर, सूरदास रीतिकाल: भिखारीदास, केशवदास आधुनिक युग: छायावादी, प्रगतिवादी, प्रयोगवादी और नई कविता गहन अध्ययन के लिए इन साहित्यिक ग्रंथों को प्राथमिकता ...

राजस्थान की अर्थव्यवस्था की विशेषता

 राजस्थान की अर्थव्यवस्था भारत के अन्य राज्यों की तरह कृषि, उद्योग, सेवाओं और पर्यटन पर आधारित है। यहां हम राजस्थान के आय-व्यय का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं। आय के प्रमुख स्रोत कृषि और पशुपालन राजस्थान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। राज्य की लगभग 62% जनसंख्या कृषि से जुड़ी है। प्रमुख फसलें: गेहूं, जौ, बाजरा, सरसों, चना, और जौ। पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है, जिसमें ऊंट, भेड़, बकरी और गाय प्रमुख हैं। खनिज संसाधन राजस्थान खनिजों का खजाना है और इसे "भारत का खनिज राज्य" भी कहा जाता है। राज्य में जस्ता, सीसा, तांबा, चूना पत्थर, संगमरमर, और ग्रेनाइट का बड़ा उत्पादन होता है। खनन से राज्य को महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त होता है। पर्यटन राजस्थान भारत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, और माउंट आबू जैसे शहरों में ऐतिहासिक किले, महल और रेगिस्तानी पर्यटन आकर्षण का केंद्र हैं। विदेशी और घरेलू पर्यटकों से आय का एक बड़ा हिस्सा आता है। उद्योग और हस्तशिल्प राजस्थान में उद्योग जैसे सीमेंट, कपड़ा, रसायन, और इंजीनियरिंग साम...

राजस्थान की अर्थव्यवस्था के बारे में विशेषता

 राजस्थान की अर्थव्यवस्था में आय और व्यय का विस्तृत वर्णन इस प्रकार है: आय के स्रोत: राजस्थान की अर्थव्यवस्था में आय के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं: 1. कृषि और पशुपालन: राजस्थान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। गेहूं, जौ, बाजरा, गन्ना, और सरसों जैसे फसलों की खेती होती है। पशुपालन भी महत्वपूर्ण आय का स्रोत है। ऊंट, भेड़, बकरी, और गाय के पालन से दुग्ध उत्पाद, ऊन, और चमड़ा मिलता है। 2. खनिज संसाधन: राजस्थान खनिज संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां जिप्सम, चूना पत्थर, संगमरमर, तांबा, और जस्ता का खनन किया जाता है। खनिज पदार्थों का निर्यात राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण आय स्रोत है। 3. पर्यटन: राजस्थान के ऐतिहासिक किले, महल, और सांस्कृतिक धरोहरें पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, और जैसलमेर प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। पर्यटन से होटल, ट्रांसपोर्ट, और हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा मिलता है। 4. उद्योग और हस्तशिल्प: राज्य में सीमेंट, टेक्सटाइल, और रसायन उद्योग का विकास हुआ है। पारंपरिक हस्तशिल्प जैसे ब्लू पॉटरी, बंधेज, और गहनों का निर्माण आय का प्रमुख स्रोत है। 5. कर और र...

भारत की प्रमुख चोटियां व पहाड़

भारत विविध भूगोल और भौगोलिक संरचनाओं वाला देश है, जिसमें कई प्रमुख पहाड़ और पर्वत चोटियां शामिल हैं। ये चोटियां प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रखती हैं। यहाँ भारत में पाए जाने वाले प्रमुख पहाड़ और पर्वत चोटियों का विवरण दिया गया है: हिमालय क्षेत्र की प्रमुख चोटियां माउंट कंचनजंगा (8,586 मीटर) स्थान: सिक्किम और नेपाल सीमा विशेषता: भारत की सबसे ऊंची चोटी और विश्व में तीसरे स्थान पर। नंदा देवी (7,816 मीटर) स्थान: उत्तराखंड विशेषता: यह चोटी नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के केंद्र में स्थित है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। कामेट (7,756 मीटर) स्थान: उत्तराखंड विशेषता: गढ़वाल हिमालय की दूसरी सबसे ऊंची चोटी। त्रिशूल (7,120 मीटर) स्थान: उत्तराखंड विशेषता: अपने त्रिशूल के आकार के कारण यह धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण है। शिवलिंग (6,543 मीटर) स्थान: उत्तराखंड विशेषता: यह चोटी भगवान शिव के प्रतीक के रूप में जानी जाती है। काराकोरम और लद्दाख क्षेत्र माउंट गॉडविन-ऑस्टिन (K2) (8,611 मीटर) स्थान: काराकोरम रेंज, जम्मू और कश्मीर (वर्तमान में पाकिस्तान प्रश...

भारत में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज पदार्थ हुए उनकी विशेषता

 भारत में विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं, जिनकी महत्ता आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक है। ये खनिज पदार्थ देश के उद्योगों के विकास, ऊर्जा उत्पादन, और निर्माण कार्यों में सहायक होते हैं। प्रमुख खनिज पदार्थों और उनके खनन क्षेत्रों के बारे में जानकारी निम्नलिखित है: 1. कोयला (Coal) उपयोग : ऊर्जा उत्पादन, उद्योगों में कच्चा माल। खनन क्षेत्र : झारखंड (धनबाद, बोकारो), छत्तीसगढ़ (कोरबा), ओडिशा (झारसुगुड़ा), मध्य प्रदेश (सतना), पश्चिम बंगाल (दूरसा), उत्तर प्रदेश (Sonbhadra)। 2. लोहा अयस्क (Iron Ore) उपयोग : स्टील उद्योग, निर्माण सामग्री। खनन क्षेत्र : उड़ीसा (किरंदी), कर्नाटक (बेलगाम, कुद्रेमुख), झारखंड (सिंहभूम), छत्तीसगढ़ (दंतेवाड़ा), राजस्थान (राजसमंद)। 3. सोना (Gold) उपयोग : आभूषण, मुद्रा, उद्योग। खनन क्षेत्र : कर्नाटक (कोंध, कर्नूल), राजस्थान (बनास), उत्तर प्रदेश (पैगावर), बिहार (गया)। 4. जस्ता (Zinc) उपयोग : धातु उद्योग, रसायन उद्योग। खनन क्षेत्र : राजस्थान (राजसमंद, झुनझुनू), उत्तर प्रदेश (सोनभद्र), पंजाब (अमृतसर)। 5. कॉपर (Copper) उपयोग : विद्युत, इलेक्ट्रॉनिक उद्योग। खनन क्षे...

भारत की प्रमुख नदियां व उनकी विशेषताएं

भारत, विविधता और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश है, और यहाँ की नदियाँ इसकी सांस्कृतिक, आर्थिक और भौगोलिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भारत की प्रमुख नदियाँ हिमालय से, प्रायद्वीपीय क्षेत्रों से, और पश्चिमी घाट जैसे क्षेत्रों से निकलती हैं। ये नदियाँ सिंचाई, जल आपूर्ति, विद्युत उत्पादन और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं। नीचे भारत की प्रमुख नदियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है: 1. गंगा नदी उद्गम : गंगोत्री ग्लेशियर, उत्तराखंड लंबाई : लगभग 2525 किमी विशेषताएँ : गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। यह उत्तर भारत के मैदानों को उर्वर बनाती है। इसके प्रमुख सहायक नदियाँ यमुना, घाघरा, कोसी, और गंडक हैं। यह पश्चिम बंगाल में गंगा-सुंदरबन डेल्टा बनाते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। 2. यमुना नदी उद्गम : यमुनोत्री ग्लेशियर, उत्तराखंड लंबाई : लगभग 1376 किमी विशेषताएँ : यह गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है। यमुना दिल्ली, आगरा और मथुरा जैसे महत्वपूर्ण शहरों से होकर बहती है। इसके तट पर कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल स्थित हैं। 3. ब्रह्मपुत्र नदी उद्गम : मानसरोवर झील, तिब्बत लंबाई : ल...

राजस्थान की अर्थव्यवस्था 2024

 राजस्थान, भारत का सबसे बड़ा राज्य, 2024 में अपनी विविध और तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था के लिए उल्लेखनीय रहा। राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, खनिज, उद्योग, पर्यटन, और नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित है। 1. कृषि और संबंधित गतिविधियाँ राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि का प्रमुख योगदान है। यहां की लगभग 60% आबादी कृषि पर निर्भर है। प्रमुख फसलें गेहूं, बाजरा, चना, सरसों और जौ हैं। 2024 में, सरकार ने सिंचाई सुविधाओं और सूखा-रोधी तकनीकों में निवेश बढ़ाया, जिससे किसानों की उत्पादकता में सुधार हुआ। 2. खनिज संसाधन राजस्थान खनिज संसाधनों से समृद्ध है और देश में मार्बल, ग्रेनाइट, जिप्सम, चूना पत्थर, और जस्ता का प्रमुख उत्पादक है। 2024 में खनन उद्योग में तकनीकी नवाचार और निजी निवेश बढ़ा, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई। 3. औद्योगिक विकास राजस्थान में औद्योगिक क्षेत्र, विशेषकर जयपुर, जोधपुर, और भीलवाड़ा में, तेजी से विकसित हुआ। कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, और सीमेंट उद्योगों में सुधार देखा गया। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक क्लस्टर और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने की नीतियों ने आर्थिक विकास...

राजस्थान की प्रमुख नदियां व उनकी विशेषता

 राजस्थान में कई महत्वपूर्ण नदियाँ हैं, जो इस राज्य की जल संसाधन व्यवस्था और कृषि में अहम भूमिका निभाती हैं। इनमें से कुछ नदियाँ स्थायी हैं, जबकि अन्य मौसमी हैं। यहाँ राजस्थान की प्रमुख नदियों का विवरण दिया गया है: 1. चंबल नदी उद्गम स्थल : मध्य प्रदेश के जनपाव पर्वत (विंध्याचल श्रेणी)। विशेषता : यह राजस्थान की एकमात्र ऐसी नदी है जो राज्य में स्थायी जल प्रवाह रखती है। राजस्थान में बहाव क्षेत्र : कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, और बारां। उपनदियाँ : कालीसिंध, पार्वती, बनास। 2. बनास नदी उद्गम स्थल : अरावली पर्वत के कुंभलगढ़ से। विशेषता : यह चंबल नदी की सबसे बड़ी उपनदी है। राजस्थान में बहाव क्षेत्र : उदयपुर, चित्तौड़गढ़, और भीलवाड़ा। 3. लूनी नदी उद्गम स्थल : अरावली पर्वत की नाग पहाड़ियों (अजमेर के पास)। विशेषता : इसे "राजस्थान की मरुस्थलीय नदी" कहा जाता है। यह पश्चिम राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में बहती है। राजस्थान में बहाव क्षेत्र : पाली, जोधपुर, बाड़मेर, और जैसलमेर। अंतिम गंतव्य : कच्छ का रण (जहाँ यह लुप्त हो जाती है)। 4. घग्गर नदी उद्गम स्थल : हिमाचल प्रदेश। विशेषता : इसे ...

भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल

भारत में कई प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं जो देश की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को दर्शाते हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध स्थल हैं: उत्तर भारत: ताजमहल - आगरा, उत्तर प्रदेश कुतुब मीनार - दिल्ली रेड फोर्ट (लाल किला) - दिल्ली फतेहपुर सीकरी - आगरा, उत्तर प्रदेश वाराणसी घाट - उत्तर प्रदेश अमरनाथ गुफा - जम्मू और कश्मीर जंतर मंतर - जयपुर, राजस्थान पश्चिम भारत: छत्रपति शिवाजी टर्मिनस - मुंबई, महाराष्ट्र गेटवे ऑफ इंडिया - मुंबई, महाराष्ट्र अजंता-एलोरा गुफाएँ - औरंगाबाद, महाराष्ट्र चित्तौड़गढ़ किला - राजस्थान उदयपुर का सिटी पैलेस - राजस्थान दक्षिण भारत: हम्पी के खंडहर - कर्नाटक महाबलीपुरम के मंदिर - तमिलनाडु मैसूर पैलेस - कर्नाटक चारमीनार - हैदराबाद, तेलंगाना विवेकानंद रॉक मेमोरियल - कन्याकुमारी, तमिलनाडु पूर्वी भारत: कोणार्क सूर्य मंदिर - ओडिशा महाबोधि मंदिर - बोधगया, बिहार हावड़ा ब्रिज - कोलकाता, पश्चिम बंगाल उत्तर-पूर्व भारत: कामाख्या मंदिर - गुवाहाटी, असम सिंगफो किला - अरुणाचल प्रदेश केंद्रीय भारत: खजुराहो मंदिर - मध्य प्रदेश सांची स्तूप - मध्य प्रदेश ग्वालियर का किला - मध्य प्...

प्रतियोगिता परीक्षा की प्रभावी तैयारी कैसे करे

  प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रभावी तैयारी प्रतियोगी परीक्षाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित और सुसंगत दृष्टिकोण अत्यंत आवश्यक है। नीचे दिए गए चरण, गहन अध्ययन और बौद्धिक परिपक्वता के साथ, आपकी तैयारी को एक प्रभावी दिशा प्रदान करेंगे: 1. पाठ्यक्रम और परीक्षा संरचना का विश्लेषण परीक्षा के विस्तृत पाठ्यक्रम और संरचना का गहन अध्ययन करें। प्रश्नों की प्रकृति, संख्या, अंकन प्रणाली, और समय सीमा का आकलन करें। यह आपको रणनीतिक तैयारी की रूपरेखा तैयार करने में मदद करेगा। 2. समय प्रबंधन और अनुशासन एक विस्तृत समय सारिणी तैयार करें, जिसमें सभी विषयों को उनकी जटिलता और महत्व के आधार पर समय आवंटित हो। अपनी कमजोरियों को पहचानें और उन पर अतिरिक्त ध्यान केंद्रित करें। 3. गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री का चयन विश्वसनीय और मान्यता प्राप्त पुस्तकों का चयन करें। ऑनलाइन शैक्षिक संसाधनों, शोध पत्रों, और मॉक परीक्षाओं का उपयोग करके अपने ज्ञान को व्यापक बनाएं। 4. नियमित अभ्यास और आत्म-मूल्यांकन नियमित रूप से विषयवार प्रश्न-पत्र हल करें। पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों का अभ्यास क...

स्वाध्याय के तरीके( टिप्स ऑफ स्टडी)

  1.नियमित अध्ययन की आदत डालें हर दिन कुछ समय पुस्तकों, लेखों और ज्ञानवर्धक सामग्री पढ़ने में लगाएं। धार्मिक ग्रंथ, प्रेरणादायक साहित्य, और आत्म-विकास की पुस्तकें पढ़ें। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सामग्री (ई-बुक्स, ऑडियोबुक्स) का उपयोग करें। 2. लेखन का अभ्यास करें जो भी सीखें, उसे लिखें। डायरी लिखने की आदत डालें, जिससे आप अपने विचारों को स्पष्ट कर सकें। अपने जीवन के अनुभवों और रोज़मर्रा की चुनौतियों को लिखें और उनका विश्लेषण करें। 3. चिंतन और मनन करें पढ़ी गई सामग्री और अनुभवों पर सोचें। अपने कार्यों और विचारों का आत्म-मूल्यांकन करें। ध्यान और ध्यानावस्था का अभ्यास करें। 4. ज्ञानवर्धक वार्तालाप करें उन लोगों से चर्चा करें जो ज्ञान में रुचि रखते हैं। समूह चर्चा, सेमिनार और वर्कशॉप्स में भाग लें। अलग-अलग दृष्टिकोणों को समझने का प्रयास करें। 5. ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें ज्ञान प्राप्ति के लिए ऑनलाइन कोर्स, वीडियो लेक्चर्स और पॉडकास्ट का उपयोग करें। विषयों को बेहतर समझने के लिए इंटरैक्टिव टूल्स और ऐप्स का उपयोग करें। 6. आत्मनिरीक्षण करें अपने दिन के कार्यों का विश्लेषण करें और जाने...

शरीर को स्वस्थ रखने के तरीके

  शरीर को स्वस्थ रखने के तरीके . संतुलित आहार लें हर रोज ताजे फल, सब्जियां, अनाज, और प्रोटीन युक्त भोजन खाएं। जंक फूड, अधिक तले-भुने और शक्करयुक्त पदार्थों से बचें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (दिन में 8-10 गिलास)। 2. नियमित व्यायाम करें रोजाना 30-45 मिनट तक योग, वॉकिंग, जॉगिंग, या अन्य शारीरिक गतिविधियां करें। स्ट्रेचिंग और वेट ट्रेनिंग भी मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखती है। 3. अच्छी नींद लें प्रतिदिन 7-8 घंटे की गहरी और नियमित नींद लें। सोने और उठने का एक नियमित समय तय करें। 4. तनाव से बचाव करें मेडिटेशन, ध्यान, और गहरी सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करें। अपनी रुचि के अनुसार समय बिताएं, जैसे संगीत सुनना, पढ़ना, या प्रकृति के बीच घूमना। 5. स्वच्छता का ध्यान रखें रोजाना स्नान करें और हाथों को नियमित रूप से साफ रखें। दांतों और त्वचा की देखभाल के लिए नियमित आदतें अपनाएं। 6. शराब और धूम्रपान से बचें शराब और तंबाकू जैसे नशीले पदार्थों से दूरी बनाए रखें। यह न केवल शरीर बल्कि मन को भी स्वस्थ रखता है। 7. नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाएं। ब्लड प्रेशर, शुगर औ...